महाभारतम् — 13.40.23
Original
Segmented
अप्रमत्तेन ते भाव्यम् सदा प्रति पुरंदरम् स हि रूपाणि कुरुते विविधानि भृगु-उद्वह
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| अप्रमत्तेन | अप्रमत्त | pos=a,g=m,c=3,n=s |
| ते | त्वद् | pos=n,g=,c=4,n=s |
| भाव्यम् | भू | pos=va,g=n,c=1,n=s,f=krtya |
| सदा | सदा | pos=i |
| प्रति | प्रति | pos=i |
| पुरंदरम् | पुरंदर | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| स | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| हि | हि | pos=i |
| रूपाणि | रूप | pos=n,g=n,c=2,n=p |
| कुरुते | कृ | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
| विविधानि | विविध | pos=a,g=n,c=2,n=p |
| भृगु | भृगु | pos=n,comp=y |
| उद्वह | उद्वह | pos=n,g=m,c=8,n=s |