महाभारतम् — 13.40.45
Original
Segmented
अथ वा पौरुषेण इयम् अशक्या रक्षितुम् मया बहु-रूपः हि भगवान् श्रूयते हरिवाहनः
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| अथ | अथ | pos=i |
| वा | वा | pos=i |
| पौरुषेण | पौरुष | pos=n,g=n,c=3,n=s |
| इयम् | इदम् | pos=n,g=f,c=1,n=s |
| अशक्या | अशक्य | pos=a,g=f,c=1,n=s |
| रक्षितुम् | रक्ष् | pos=vi |
| मया | मद् | pos=n,g=,c=3,n=s |
| बहु | बहु | pos=a,comp=y |
| रूपः | रूप | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| हि | हि | pos=i |
| भगवान् | भगवत् | pos=a,g=m,c=1,n=s |
| श्रूयते | श्रु | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
| हरिवाहनः | हरिवाहन | pos=n,g=m,c=1,n=s |