महाभारतम् — 13.42.21
Original
Segmented
आवयोः अनृतम् प्राह यः तस्य अथ द्विजस्य वै विपुलस्य परे लोके या गतिः सा भवेद् इति
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| आवयोः | मद् | pos=n,g=,c=6,n=d |
| अनृतम् | अनृत | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| प्राह | प्राह् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
| यः | यद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| तस्य | तद् | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| अथ | अथ | pos=i |
| द्विजस्य | द्विज | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| वै | वै | pos=i |
| विपुलस्य | विपुल | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| परे | पर | pos=n,g=m,c=7,n=s |
| लोके | लोक | pos=n,g=m,c=7,n=s |
| या | यद् | pos=n,g=f,c=1,n=s |
| गतिः | गति | pos=n,g=f,c=1,n=s |
| सा | तद् | pos=n,g=f,c=1,n=s |
| भवेद् | भू | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
| इति | इति | pos=i |