महाभारतम् — 13.43.2
Original
Segmented
देवशर्मा उवाच किम् ते विपुल दृष्टम् वै तस्मिन्न् अद्य महा-वने ते त्वा जानन्ति निपुण आत्मा च रुचिः एव च
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| देवशर्मा | देवशर्मन् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
| किम् | क | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| ते | त्वद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
| विपुल | विपुल | pos=n,g=m,c=8,n=s |
| दृष्टम् | दृश् | pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part |
| वै | वै | pos=i |
| तस्मिन्न् | तद् | pos=n,g=n,c=7,n=s |
| अद्य | अद्य | pos=i |
| महा | महत् | pos=a,comp=y |
| वने | वन | pos=n,g=n,c=7,n=s |
| ते | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=p |
| त्वा | त्वद् | pos=n,g=,c=2,n=s |
| जानन्ति | ज्ञा | pos=v,p=3,n=p,l=lat |
| निपुण | निपुण | pos=a,g=m,c=1,n=s |
| आत्मा | आत्मन् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| च | च | pos=i |
| रुचिः | रुचि | pos=n,g=f,c=1,n=s |
| एव | एव | pos=i |
| च | च | pos=i |