महाभारतम् — 13.43.4
Original
Segmented
देवशर्मा उवाच यद् वै तत् मिथुनम् ब्रह्मन्न् अहोरात्रम् हि विद्धि तत् चक्र-वत् परिवर्तेत तत् ते जानाति दुष्कृतम्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| देवशर्मा | देवशर्मन् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
| यद् | यद् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| वै | वै | pos=i |
| तत् | तद् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| मिथुनम् | मिथुन | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| ब्रह्मन्न् | ब्रह्मन् | pos=n,g=m,c=8,n=s |
| अहोरात्रम् | अहोरात्र | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| हि | हि | pos=i |
| विद्धि | विद् | pos=v,p=2,n=s,l=lot |
| तत् | तद् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| चक्र | चक्र | pos=n,comp=y |
| वत् | वत् | pos=i |
| परिवर्तेत | परिवृत् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
| तत् | तद् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| ते | त्वद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
| जानाति | ज्ञा | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
| दुष्कृतम् | दुष्कृत | pos=n,g=n,c=2,n=s |