महाभारतम् — 13.47.20
Original
Segmented
आनृशंस्यम् परो धर्म इति तस्मै प्रदीयते यत्र तत्र समुत्पन्नो गुणाय एव उपकल्पते
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| आनृशंस्यम् | आनृशंस्य | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| परो | पर | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| धर्म | धर्म | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| इति | इति | pos=i |
| तस्मै | तद् | pos=n,g=m,c=4,n=s |
| प्रदीयते | प्रदा | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
| यत्र | यत्र | pos=i |
| तत्र | तत्र | pos=i |
| समुत्पन्नो | समुत्पद् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
| गुणाय | गुण | pos=n,g=m,c=4,n=s |
| एव | एव | pos=i |
| उपकल्पते | उपक्ᄆप् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |