महाभारतम् — 13.47.22
Original
Segmented
त्रैवार्षिकाद् यदा भक्ताद् अधिकम् स्याद् द्विजस्य तु यजेत तेन द्रव्येण न वृथा साधयेद् धनम्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| त्रैवार्षिकाद् | त्रैवार्षिक | pos=a,g=n,c=5,n=s |
| यदा | यदा | pos=i |
| भक्ताद् | भक्त | pos=n,g=n,c=5,n=s |
| अधिकम् | अधिक | pos=a,g=n,c=1,n=s |
| स्याद् | अस् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
| द्विजस्य | द्विज | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| तु | तु | pos=i |
| यजेत | यज् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
| तेन | तद् | pos=n,g=n,c=3,n=s |
| द्रव्येण | द्रव्य | pos=n,g=n,c=3,n=s |
| न | न | pos=i |
| वृथा | वृथा | pos=i |
| साधयेद् | साधय् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
| धनम् | धन | pos=n,g=n,c=2,n=s |