महाभारतम् — 13.49.6
Original
Segmented
युधिष्ठिर उवाच षड् अपध्वंस-जाः के स्युः के वा अपि अपसदाः तथा एतत् सर्वम् यथातत्त्वम् व्याख्यातुम् मे त्वम् अर्हसि
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| युधिष्ठिर | युधिष्ठिर | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
| षड् | षष् | pos=n,g=m,c=1,n=p |
| अपध्वंस | अपध्वंस | pos=n,comp=y |
| जाः | ज | pos=a,g=m,c=1,n=p |
| के | क | pos=n,g=m,c=1,n=p |
| स्युः | अस् | pos=v,p=3,n=p,l=vidhilin |
| के | क | pos=n,g=m,c=1,n=p |
| वा | वा | pos=i |
| अपि | अपि | pos=i |
| अपसदाः | अपसद | pos=n,g=m,c=1,n=p |
| तथा | तथा | pos=i |
| एतत् | एतद् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| सर्वम् | सर्व | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| यथातत्त्वम् | यथातत्त्वम् | pos=i |
| व्याख्यातुम् | व्याख्या | pos=vi |
| मे | मद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
| त्वम् | त्वद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
| अर्हसि | अर्ह् | pos=v,p=2,n=s,l=lat |