महाभारतम् — 13.5.1
Original
Segmented
युधिष्ठिर उवाच आनृशंसस्य धर्मस्य गुणान् भक्त-जनस्य च श्रोतुम् इच्छामि कार्त्स्न्येन तत् मे ब्रूहि पितामह
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| युधिष्ठिर | युधिष्ठिर | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
| आनृशंसस्य | आनृशंस | pos=n,g=n,c=6,n=s |
| धर्मस्य | धर्म | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| गुणान् | गुण | pos=n,g=m,c=2,n=p |
| भक्त | भक्त | pos=n,comp=y |
| जनस्य | जन | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| च | च | pos=i |
| श्रोतुम् | श्रु | pos=vi |
| इच्छामि | इष् | pos=v,p=1,n=s,l=lat |
| कार्त्स्न्येन | कार्त्स्न्य | pos=n,g=n,c=3,n=s |
| तत् | तद् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| मे | मद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
| ब्रूहि | ब्रू | pos=v,p=2,n=s,l=lot |
| पितामह | पितामह | pos=n,g=m,c=8,n=s |