महाभारतम् — 13.52.2
Original
Segmented
कौतूहलम् मे सु महत् जामदग्न्यम् प्रति प्रभो रामम् धर्म-भृताम् श्रेष्ठम् तत् मे व्याख्यातुम् अर्हसि
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| कौतूहलम् | कौतूहल | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| मे | मद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
| सु | सु | pos=i |
| महत् | महत् | pos=a,g=n,c=1,n=s |
| जामदग्न्यम् | जामदग्न्य | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| प्रति | प्रति | pos=i |
| प्रभो | प्रभु | pos=a,g=m,c=8,n=s |
| रामम् | राम | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| धर्म | धर्म | pos=n,comp=y |
| भृताम् | भृत् | pos=a,g=m,c=6,n=p |
| श्रेष्ठम् | श्रेष्ठ | pos=a,g=m,c=2,n=s |
| तत् | तद् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| मे | मद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
| व्याख्यातुम् | व्याख्या | pos=vi |
| अर्हसि | अर्ह् | pos=v,p=2,n=s,l=lat |