महाभारतम् — 13.53.3
Original
Segmented
स प्रविश्य पुरीम् दीनो न अभ्यभाषत किंचन तद् एव चिन्तयामास च्यवनस्य विचेष्टितम्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| स | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| प्रविश्य | प्रविश् | pos=vi |
| पुरीम् | पुरी | pos=n,g=f,c=2,n=s |
| दीनो | दीन | pos=a,g=m,c=1,n=s |
| न | न | pos=i |
| अभ्यभाषत | अभिभाष् | pos=v,p=3,n=s,l=lan |
| किंचन | कश्चन | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| तद् | तद् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| एव | एव | pos=i |
| चिन्तयामास | चिन्तय् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
| च्यवनस्य | च्यवन | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| विचेष्टितम् | विचेष्टित | pos=n,g=n,c=2,n=s |