महाभारतम् — 13.60.4
Original
Segmented
भीष्म उवाच रौद्रम् कर्म क्षत्रियस्य सततम् तात वर्तते तस्य वैतानिकम् कर्म दानम् च एव इह पावनम्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| भीष्म | भीष्म | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
| रौद्रम् | रौद्र | pos=a,g=n,c=1,n=s |
| कर्म | कर्मन् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| क्षत्रियस्य | क्षत्रिय | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| सततम् | सततम् | pos=i |
| तात | तात | pos=n,g=m,c=8,n=s |
| वर्तते | वृत् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
| तस्य | तद् | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| वैतानिकम् | वैतानिक | pos=a,g=n,c=1,n=s |
| कर्म | कर्मन् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| दानम् | दान | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| च | च | pos=i |
| एव | एव | pos=i |
| इह | इह | pos=i |
| पावनम् | पावन | pos=a,g=n,c=1,n=s |