महाभारतम् — 13.61.73
Original
Segmented
आहिताग्निम् सदा यज्ञम् कृश-भृत्यम् प्रिय-अतिथिम् ये भरन्ति द्विजश्रेष्ठम् न उपसर्पन्ति ते यमम्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| आहिताग्निम् | आहिताग्नि | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| सदा | सदा | pos=i |
| यज्ञम् | यज्ञ | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| कृश | कृश | pos=a,comp=y |
| भृत्यम् | भृत्य | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| प्रिय | प्रिय | pos=a,comp=y |
| अतिथिम् | अतिथि | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| ये | यद् | pos=n,g=m,c=1,n=p |
| भरन्ति | भृ | pos=v,p=3,n=p,l=lat |
| द्विजश्रेष्ठम् | द्विजश्रेष्ठ | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| न | न | pos=i |
| उपसर्पन्ति | उपसृप् | pos=v,p=3,n=p,l=lat |
| ते | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=p |
| यमम् | यम | pos=n,g=m,c=2,n=s |