महाभारतम् — 13.65.44
Original
Segmented
अमृतम् वै गवाम् क्षीरम् इति आह त्रिदशाधिपः तस्माद् ददाति यो धेनुम् अमृतम् स प्रयच्छति
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| अमृतम् | अमृत | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| वै | वै | pos=i |
| गवाम् | गो | pos=n,g=,c=6,n=p |
| क्षीरम् | क्षीर | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| इति | इति | pos=i |
| आह | अह् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
| त्रिदशाधिपः | त्रिदशाधिप | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| तस्माद् | तस्मात् | pos=i |
| ददाति | दा | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
| यो | यद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| धेनुम् | धेनु | pos=n,g=f,c=2,n=s |
| अमृतम् | अमृत | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| स | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| प्रयच्छति | प्रयम् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |