महाभारतम् — 13.65.58
Original
Segmented
सद्भ्यो ददाति यः च अन्नम् सदा एकाग्र-मनाः नरः न स दुर्गाणि अवाप्नोति इति एवम् आह पराशरः
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| सद्भ्यो | सत् | pos=a,g=m,c=4,n=p |
| ददाति | दा | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
| यः | यद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| च | च | pos=i |
| अन्नम् | अन्न | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| सदा | सदा | pos=i |
| एकाग्र | एकाग्र | pos=a,comp=y |
| मनाः | मनस् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| नरः | नर | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| न | न | pos=i |
| स | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| दुर्गाणि | दुर्ग | pos=n,g=n,c=2,n=p |
| अवाप्नोति | अवाप् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
| इति | इति | pos=i |
| एवम् | एवम् | pos=i |
| आह | अह् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
| पराशरः | पराशर | pos=n,g=m,c=1,n=s |