महाभारतम् — 13.69.2
Original
Segmented
निविशन्त्याम् पुरा पार्थ द्वारवत्याम् इति श्रुतिः अदृश्यत महा-कूपः तृण-वीरुध्-समावृतः
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| निविशन्त्याम् | निविश् | pos=va,g=f,c=7,n=s,f=part |
| पुरा | पुरा | pos=i |
| पार्थ | पार्थ | pos=n,g=m,c=8,n=s |
| द्वारवत्याम् | द्वारवती | pos=n,g=f,c=7,n=s |
| इति | इति | pos=i |
| श्रुतिः | श्रुति | pos=n,g=f,c=1,n=s |
| अदृश्यत | दृश् | pos=v,p=3,n=s,l=lan |
| महा | महत् | pos=a,comp=y |
| कूपः | कूप | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| तृण | तृण | pos=n,comp=y |
| वीरुध् | वीरुध् | pos=n,comp=y |
| समावृतः | समावृ | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |