महाभारतम् — 13.82.37
Original
Segmented
मनसा चिन्तिता भोगाः त्वया वै दिव्य-मानुषाः यत् च स्वर्ग-सुखम् देवि तत् ते सम्पत्स्यते शुभे
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| मनसा | मनस् | pos=n,g=n,c=3,n=s |
| चिन्तिता | चिन्तय् | pos=va,g=m,c=1,n=p,f=part |
| भोगाः | भोग | pos=n,g=m,c=1,n=p |
| त्वया | त्वद् | pos=n,g=,c=3,n=s |
| वै | वै | pos=i |
| दिव्य | दिव्य | pos=a,comp=y |
| मानुषाः | मानुष | pos=a,g=m,c=1,n=p |
| यत् | यद् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| च | च | pos=i |
| स्वर्ग | स्वर्ग | pos=n,comp=y |
| सुखम् | सुख | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| देवि | देवी | pos=n,g=f,c=8,n=s |
| तत् | तद् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| ते | त्वद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
| सम्पत्स्यते | सम्पद् | pos=v,p=3,n=s,l=lrt |
| शुभे | शुभ | pos=a,g=f,c=8,n=s |