महाभारतम् — 13.87.15
Original
Segmented
द्वादश्याम् ईहमानस्य नित्यम् एव प्रदृश्यते रजतम् बहु चित्रम् च सुवर्णम् च मनोरमम्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| द्वादश्याम् | द्वादशी | pos=n,g=f,c=7,n=s |
| ईहमानस्य | ईह् | pos=va,g=m,c=6,n=s,f=part |
| नित्यम् | नित्यम् | pos=i |
| एव | एव | pos=i |
| प्रदृश्यते | प्रदृश् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
| रजतम् | रजत | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| बहु | बहु | pos=a,g=n,c=1,n=s |
| चित्रम् | चित्र | pos=a,g=n,c=1,n=s |
| च | च | pos=i |
| सुवर्णम् | सुवर्ण | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| च | च | pos=i |
| मनोरमम् | मनोरम | pos=a,g=n,c=1,n=s |