महाभारतम् — 13.88.10
Original
Segmented
आनन्त्याय भवेद् दत्तम् खड्ग-मांसम् पितृ-क्षये कालशाकम् च लौहम् च अपि आनन्त्यम् छाग उच्यते
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| आनन्त्याय | आनन्त्य | pos=n,g=n,c=4,n=s |
| भवेद् | भू | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
| दत्तम् | दा | pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part |
| खड्ग | खड्ग | pos=n,comp=y |
| मांसम् | मांस | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| पितृ | पितृ | pos=n,comp=y |
| क्षये | क्षय | pos=n,g=m,c=7,n=s |
| कालशाकम् | कालशाक | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| च | च | pos=i |
| लौहम् | लौह | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| च | च | pos=i |
| अपि | अपि | pos=i |
| आनन्त्यम् | आनन्त्य | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| छाग | छाग | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| उच्यते | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |