महाभारतम् — 13.93.10
Original
Segmented
भीष्म उवाच अन्तरा सायमाशम् च प्रातराशम् तथा एव च सदा उपवासी भवति यो न भुङ्क्ते ऽन्तरा पुनः
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| भीष्म | भीष्म | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
| अन्तरा | अन्तरा | pos=i |
| सायमाशम् | सायमाश | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| च | च | pos=i |
| प्रातराशम् | प्रातराश | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| तथा | तथा | pos=i |
| एव | एव | pos=i |
| च | च | pos=i |
| सदा | सदा | pos=i |
| उपवासी | उपवासिन् | pos=a,g=m,c=1,n=s |
| भवति | भू | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
| यो | यद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| न | न | pos=i |
| भुङ्क्ते | भुज् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
| ऽन्तरा | अन्तरा | pos=i |
| पुनः | पुनर् | pos=i |