महाभारतम् — 13.94.28
Original
Segmented
भरद्वाज उवाच उत्पन्नस्य रुरोः शृङ्गम् वर्धमानस्य वर्धते प्रार्थना पुरुषस्य इव तस्य मात्रा न विद्यते
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| भरद्वाज | भरद्वाज | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
| उत्पन्नस्य | उत्पद् | pos=va,g=m,c=6,n=s,f=part |
| रुरोः | रुरु | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| शृङ्गम् | शृङ्ग | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| वर्धमानस्य | वृध् | pos=va,g=m,c=6,n=s,f=part |
| वर्धते | वृध् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
| प्रार्थना | प्रार्थना | pos=n,g=f,c=1,n=s |
| पुरुषस्य | पुरुष | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| इव | इव | pos=i |
| तस्य | तद् | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| मात्रा | मात्रा | pos=n,g=f,c=1,n=s |
| न | न | pos=i |
| विद्यते | विद् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |