महाभारतम् — 13.94.38
Original
Segmented
इति उक्तवान् स तु भृत्यैः तैः वृषादर्भि चुकोप ह तेषाम् संप्रतिकर्तुम् च सर्वेषाम् अगमद् गृहम्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| इति | इति | pos=i |
| उक्तवान् | वच् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
| स | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| तु | तु | pos=i |
| भृत्यैः | भृत्य | pos=n,g=m,c=3,n=p |
| तैः | तद् | pos=n,g=m,c=3,n=p |
| वृषादर्भि | वृषादर्भि | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| चुकोप | कुप् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
| ह | ह | pos=i |
| तेषाम् | तद् | pos=n,g=m,c=6,n=p |
| संप्रतिकर्तुम् | संप्रतिकृ | pos=vi |
| च | च | pos=i |
| सर्वेषाम् | सर्व | pos=n,g=m,c=6,n=p |
| अगमद् | गम् | pos=v,p=3,n=s,l=lun |
| गृहम् | गृह | pos=n,g=n,c=2,n=s |