महाभारतम् — 14.1.18
Original
Segmented
अश्रुत्वा हि अस्य वीरस्य वाक्यानि मधुराणि अहम् फलम् प्राप्य महद् दुःखम् निमग्नः शोक-सागरे
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| अश्रुत्वा | अश्रुत्वा | pos=i |
| हि | हि | pos=i |
| अस्य | इदम् | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| वीरस्य | वीर | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| वाक्यानि | वाक्य | pos=n,g=n,c=2,n=p |
| मधुराणि | मधुर | pos=a,g=n,c=2,n=p |
| अहम् | मद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
| फलम् | फल | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| प्राप्य | प्राप् | pos=vi |
| महद् | महत् | pos=a,g=n,c=2,n=s |
| दुःखम् | दुःख | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| निमग्नः | निमज्ज् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
| शोक | शोक | pos=n,comp=y |
| सागरे | सागर | pos=n,g=m,c=7,n=s |