महाभारतम् — 14.16.37
Original
Segmented
ततः कदाचिन् निर्वेदात् निकारात् निकृतेन च लोकतन्त्रम् परित्यक्तम् दुःख-आर्तेन भृशम् मया ततः सिद्धिः इयम् प्राप्ता प्रसादाद् आत्मनो मया
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| ततः | ततस् | pos=i |
| कदाचिन् | कदाचिद् | pos=i |
| निर्वेदात् | निर्वेद | pos=n,g=m,c=5,n=s |
| निकारात् | निकार | pos=n,g=m,c=5,n=s |
| निकृतेन | निकृ | pos=va,g=m,c=3,n=s,f=part |
| च | च | pos=i |
| लोकतन्त्रम् | लोकतन्त्र | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| परित्यक्तम् | परित्यज् | pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part |
| दुःख | दुःख | pos=n,comp=y |
| आर्तेन | आर्त | pos=a,g=m,c=3,n=s |
| भृशम् | भृशम् | pos=i |
| मया | मद् | pos=n,g=,c=3,n=s |
| ततः | ततस् | pos=i |
| सिद्धिः | सिद्धि | pos=n,g=f,c=1,n=s |
| इयम् | इदम् | pos=n,g=f,c=1,n=s |
| प्राप्ता | प्राप् | pos=va,g=f,c=1,n=s,f=part |
| प्रसादाद् | प्रसाद | pos=n,g=m,c=5,n=s |
| आत्मनो | आत्मन् | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| मया | मद् | pos=n,g=,c=3,n=s |