महाभारतम् — 14.19.1
Original
Segmented
ब्राह्मण उवाच यः स्याद् एकायने लीनः तूष्णीम् किंचिद् अचिन्तयन् पूर्वम् पूर्वम् परित्यज्य स निरारम्भको भवेत्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| ब्राह्मण | ब्राह्मण | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
| यः | यद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| स्याद् | अस् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
| एकायने | एकायन | pos=n,g=n,c=7,n=s |
| लीनः | ली | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
| तूष्णीम् | तूष्णीम् | pos=i |
| किंचिद् | कश्चित् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| अचिन्तयन् | अचिन्तयत् | pos=a,g=m,c=1,n=s |
| पूर्वम् | पूर्व | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| पूर्वम् | पूर्व | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| परित्यज्य | परित्यज् | pos=vi |
| स | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| निरारम्भको | निरारम्भक | pos=a,g=m,c=1,n=s |
| भवेत् | भू | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |