महाभारतम् — 14.19.33
Original
Segmented
प्रचिन्त्य आवसथम् कृत्स्नम् यस्मिन् काये ऽवतिष्ठते तस्मिन् काये मनः चारय् न कथंचन बाह्यतः
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| प्रचिन्त्य | प्रचिन्तय् | pos=vi |
| आवसथम् | आवसथ | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| कृत्स्नम् | कृत्स्न | pos=a,g=m,c=2,n=s |
| यस्मिन् | यद् | pos=n,g=m,c=7,n=s |
| काये | काय | pos=n,g=m,c=7,n=s |
| ऽवतिष्ठते | अवस्था | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
| तस्मिन् | तद् | pos=n,g=m,c=7,n=s |
| काये | काय | pos=n,g=m,c=7,n=s |
| मनः | मनस् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| चारय् | चारय् | pos=va,g=n,c=1,n=s,f=krtya |
| न | न | pos=i |
| कथंचन | कथंचन | pos=i |
| बाह्यतः | बाह्यतस् | pos=i |