महाभारतम् — 14.19.6
Original
Segmented
अनमित्रो ऽथ निर्बन्धुः अनपत्यः च यः क्वचित् त्यक्त-धर्म-अर्थ-कामः च निराकाङ्क्षी स मुच्यते
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| अनमित्रो | अनमित्र | pos=a,g=m,c=1,n=s |
| ऽथ | अथ | pos=i |
| निर्बन्धुः | निर्बन्धु | pos=a,g=m,c=1,n=s |
| अनपत्यः | अनपत्य | pos=a,g=m,c=1,n=s |
| च | च | pos=i |
| यः | यद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| क्वचित् | क्वचिद् | pos=i |
| त्यक्त | त्यज् | pos=va,comp=y,f=part |
| धर्म | धर्म | pos=n,comp=y |
| अर्थ | अर्थ | pos=n,comp=y |
| कामः | काम | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| च | च | pos=i |
| निराकाङ्क्षी | निराकाङ्क्षिन् | pos=a,g=m,c=1,n=s |
| स | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| मुच्यते | मुच् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |