महाभारतम् — 14.30.30
Original
Segmented
इति त्वम् अपि जानीहि राम मा क्षत्रियाञ् जहि तपो घोरम् उपातिष्ठ ततः श्रेयो ऽभिपत्स्यसे
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| इति | इति | pos=i |
| त्वम् | त्वद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
| अपि | अपि | pos=i |
| जानीहि | ज्ञा | pos=v,p=2,n=s,l=lot |
| राम | राम | pos=n,g=m,c=8,n=s |
| मा | मा | pos=i |
| क्षत्रियाञ् | क्षत्रिय | pos=n,g=m,c=2,n=p |
| जहि | हा | pos=v,p=2,n=s,l=lot |
| तपो | तपस् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| घोरम् | घोर | pos=a,g=n,c=2,n=s |
| उपातिष्ठ | उपास्था | pos=v,p=2,n=s,l=lot |
| ततः | ततस् | pos=i |
| श्रेयो | श्रेयस् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| ऽभिपत्स्यसे | अभिपद् | pos=v,p=2,n=s,l=lrt |