महाभारतम् — 14.31.5
Original
Segmented
समुदीर्णेषु दोषेषु वध्यमानेषु साधुषु जग्राह तरसा राज्यम् अम्बरीष इति श्रुतिः
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| समुदीर्णेषु | समुदीर् | pos=va,g=m,c=7,n=p,f=part |
| दोषेषु | दोष | pos=n,g=m,c=7,n=p |
| वध्यमानेषु | वध् | pos=va,g=m,c=7,n=p,f=part |
| साधुषु | साधु | pos=a,g=m,c=7,n=p |
| जग्राह | ग्रह् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
| तरसा | तरस् | pos=n,g=n,c=3,n=s |
| राज्यम् | राज्य | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| अम्बरीष | अम्बरीष | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| इति | इति | pos=i |
| श्रुतिः | श्रुति | pos=n,g=f,c=1,n=s |