महाभारतम् — 14.34.10
Original
Segmented
वासुदेव उवाच ततस् तु तस्या ब्राह्मण्या मतिः क्षेत्रज्ञ-संक्षये क्षेत्रज्ञाद् एव परतः क्षेत्रज्ञो ऽन्यः प्रवर्तते
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| वासुदेव | वासुदेव | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
| ततस् | ततस् | pos=i |
| तु | तु | pos=i |
| तस्या | तद् | pos=n,g=f,c=6,n=s |
| ब्राह्मण्या | ब्राह्मणी | pos=n,g=f,c=6,n=s |
| मतिः | मति | pos=n,g=f,c=1,n=s |
| क्षेत्रज्ञ | क्षेत्रज्ञ | pos=n,comp=y |
| संक्षये | संक्षय | pos=n,g=m,c=7,n=s |
| क्षेत्रज्ञाद् | क्षेत्रज्ञ | pos=n,g=m,c=5,n=s |
| एव | एव | pos=i |
| परतः | परतस् | pos=i |
| क्षेत्रज्ञो | क्षेत्रज्ञ | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| ऽन्यः | अन्य | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| प्रवर्तते | प्रवृत् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |