महाभारतम् — 14.42.10
Original
Segmented
त्वच्-घ्राण-श्रोत्र-चक्षूंषि रसनम् वाक् च संयता विशुद्धम् च मनो यस्य बुद्धिः च अव्यभिचारिणी
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| त्वच् | त्वच् | pos=n,comp=y |
| घ्राण | घ्राण | pos=n,comp=y |
| श्रोत्र | श्रोत्र | pos=n,comp=y |
| चक्षूंषि | चक्षुस् | pos=n,g=n,c=1,n=p |
| रसनम् | रसन | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| वाक् | वाच् | pos=n,g=f,c=1,n=s |
| च | च | pos=i |
| संयता | संयम् | pos=va,g=f,c=1,n=s,f=part |
| विशुद्धम् | विशुध् | pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part |
| च | च | pos=i |
| मनो | मनस् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| यस्य | यद् | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| बुद्धिः | बुद्धि | pos=n,g=f,c=1,n=s |
| च | च | pos=i |
| अव्यभिचारिणी | अव्यभिचारिन् | pos=a,g=f,c=1,n=s |