महाभारतम् — 14.46.33
Original
Segmented
दया-अर्थम् च एव भूतानाम् समीक्ष्य पृथिवीम् चरेत् संचयान् च न कुर्वीत स्नेह-वासम् च वर्जयेत्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| दया | दया | pos=n,comp=y |
| अर्थम् | अर्थ | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| च | च | pos=i |
| एव | एव | pos=i |
| भूतानाम् | भूत | pos=n,g=n,c=6,n=p |
| समीक्ष्य | समीक्ष् | pos=vi |
| पृथिवीम् | पृथिवी | pos=n,g=f,c=2,n=s |
| चरेत् | चर् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
| संचयान् | संचय | pos=n,g=m,c=2,n=p |
| च | च | pos=i |
| न | न | pos=i |
| कुर्वीत | कृ | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
| स्नेह | स्नेह | pos=n,comp=y |
| वासम् | वास | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| च | च | pos=i |
| वर्जयेत् | वर्जय् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |