महाभारतम् — 14.5.17
Original
Segmented
अहम् हि त्रिषु लोकेषु सुराणाम् च बृहस्पते इन्द्र-त्वम् प्राप्तवान् एको मरुत्तः तु महीपतिः
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| अहम् | मद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
| हि | हि | pos=i |
| त्रिषु | त्रि | pos=n,g=n,c=7,n=p |
| लोकेषु | लोक | pos=n,g=m,c=7,n=p |
| सुराणाम् | सुर | pos=n,g=m,c=6,n=p |
| च | च | pos=i |
| बृहस्पते | बृहस्पति | pos=n,g=m,c=8,n=s |
| इन्द्र | इन्द्र | pos=n,comp=y |
| त्वम् | त्व | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| प्राप्तवान् | प्राप् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
| एको | एक | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| मरुत्तः | मरुत्त | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| तु | तु | pos=i |
| महीपतिः | महीपति | pos=n,g=m,c=1,n=s |