महाभारतम् — 14.50.47
Original
Segmented
ततस् त्वम् सम्यग् आचीर्णे धर्मे ऽस्मिन् कुरु-नन्दन सर्व-पाप-विशुद्ध-आत्मा मोक्षम् प्राप्स्यसि केवलम्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| ततस् | ततस् | pos=i |
| त्वम् | त्वद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
| सम्यग् | सम्यक् | pos=i |
| आचीर्णे | आचर् | pos=va,g=m,c=7,n=s,f=part |
| धर्मे | धर्म | pos=n,g=m,c=7,n=s |
| ऽस्मिन् | इदम् | pos=n,g=m,c=7,n=s |
| कुरु | कुरु | pos=n,comp=y |
| नन्दन | नन्दन | pos=n,g=m,c=8,n=s |
| सर्व | सर्व | pos=n,comp=y |
| पाप | पाप | pos=n,comp=y |
| विशुद्ध | विशुध् | pos=va,comp=y,f=part |
| आत्मा | आत्मन् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| मोक्षम् | मोक्ष | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| प्राप्स्यसि | प्राप् | pos=v,p=2,n=s,l=lrt |
| केवलम् | केवल | pos=a,g=m,c=2,n=s |