महाभारतम् — 14.51.1
Original
Segmented
वैशंपायन उवाच ततो ऽभ्यचोदयत् कृष्णो युज्यताम् इति दारुकम् मुहूर्ताद् इव च आचष्ट युक्तम् इति एव दारुकः
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| वैशंपायन | वैशम्पायन | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
| ततो | ततस् | pos=i |
| ऽभ्यचोदयत् | अभिचोदय् | pos=v,p=3,n=s,l=lan |
| कृष्णो | कृष्ण | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| युज्यताम् | युज् | pos=v,p=3,n=s,l=lot |
| इति | इति | pos=i |
| दारुकम् | दारुक | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| मुहूर्ताद् | मुहूर्त | pos=n,g=n,c=5,n=s |
| इव | इव | pos=i |
| च | च | pos=i |
| आचष्ट | आचक्ष् | pos=v,p=3,n=s,l=lan |
| युक्तम् | युज् | pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part |
| इति | इति | pos=i |
| एव | एव | pos=i |
| दारुकः | दारुक | pos=n,g=m,c=1,n=s |