महाभारतम् — 14.53.1
Original
Segmented
उत्तङ्क उवाच ब्रूहि केशव तत्त्वेन त्वम् अध्यात्मम् अनिन्दितम् श्रुत्वा श्रेयो ऽभिधास्यामि शापम् वा ते जनार्दन
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| उत्तङ्क | उत्तङ्क | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
| ब्रूहि | ब्रू | pos=v,p=2,n=s,l=lot |
| केशव | केशव | pos=n,g=m,c=8,n=s |
| तत्त्वेन | तत्त्व | pos=n,g=n,c=3,n=s |
| त्वम् | त्वद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
| अध्यात्मम् | अध्यात्म | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| अनिन्दितम् | अनिन्दित | pos=a,g=n,c=2,n=s |
| श्रुत्वा | श्रु | pos=vi |
| श्रेयो | श्रेयस् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| ऽभिधास्यामि | अभिधा | pos=v,p=1,n=s,l=lrt |
| शापम् | शाप | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| वा | वा | pos=i |
| ते | त्वद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
| जनार्दन | जनार्दन | pos=n,g=m,c=8,n=s |