महाभारतम् — 14.55.25
Original
Segmented
किम् भवत्यै प्रयच्छामि गुरु-अर्थम् विनियुङ्क्ष्व माम् प्रियम् हि तव काङ्क्षामि प्राणैः अपि धनैः अपि
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| किम् | क | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| भवत्यै | भवत् | pos=a,g=f,c=4,n=s |
| प्रयच्छामि | प्रयम् | pos=v,p=1,n=s,l=lat |
| गुरु | गुरु | pos=n,comp=y |
| अर्थम् | अर्थ | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| विनियुङ्क्ष्व | विनियुज् | pos=v,p=2,n=s,l=lot |
| माम् | मद् | pos=n,g=,c=2,n=s |
| प्रियम् | प्रिय | pos=a,g=n,c=2,n=s |
| हि | हि | pos=i |
| तव | त्वद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
| काङ्क्षामि | काङ्क्ष् | pos=v,p=1,n=s,l=lat |
| प्राणैः | प्राण | pos=n,g=m,c=3,n=p |
| अपि | अपि | pos=i |
| धनैः | धन | pos=n,g=n,c=3,n=p |
| अपि | अपि | pos=i |