महाभारतम् — 14.57.40
Original
Segmented
मा जुगुप्साम् कृथाः पुत्र त्वम् अत्र अर्थे कथंचन त्वया एतत् हि समाचीर्णम् गौतमस्य आश्रमे तदा
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| मा | मा | pos=i |
| जुगुप्साम् | जुगुप्सा | pos=n,g=f,c=2,n=s |
| कृथाः | कृ | pos=v,p=2,n=s,l=lun_unaug |
| पुत्र | पुत्र | pos=n,g=m,c=8,n=s |
| त्वम् | त्वद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
| अत्र | अत्र | pos=i |
| अर्थे | अर्थ | pos=n,g=m,c=7,n=s |
| कथंचन | कथंचन | pos=i |
| त्वया | त्वद् | pos=n,g=,c=3,n=s |
| एतत् | एतद् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| हि | हि | pos=i |
| समाचीर्णम् | समाचर् | pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part |
| गौतमस्य | गौतम | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| आश्रमे | आश्रम | pos=n,g=m,c=7,n=s |
| तदा | तदा | pos=i |