महाभारतम् — 14.60.31
Original
Segmented
एवमादि तु वार्ष्णेय्याः तत् अस्याः परिदेवितम् श्रुत्वा पृथा सु दुःख-आर्ता शनैः वाक्यम् अथ अब्रवीत्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| एवमादि | एवमादि | pos=a,g=n,c=2,n=s |
| तु | तु | pos=i |
| वार्ष्णेय्याः | वार्ष्णेयी | pos=n,g=f,c=6,n=s |
| तत् | तद् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| अस्याः | इदम् | pos=n,g=f,c=6,n=s |
| परिदेवितम् | परिदेवय् | pos=va,g=n,c=2,n=s,f=part |
| श्रुत्वा | श्रु | pos=vi |
| पृथा | पृथा | pos=n,g=f,c=1,n=s |
| सु | सु | pos=i |
| दुःख | दुःख | pos=n,comp=y |
| आर्ता | आर्त | pos=a,g=f,c=1,n=s |
| शनैः | शनैस् | pos=i |
| वाक्यम् | वाक्य | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| अथ | अथ | pos=i |
| अब्रवीत् | ब्रू | pos=v,p=3,n=s,l=lan |