महाभारतम् — 14.60.9
Original
Segmented
दुर्मरम् बत वार्ष्णेय काले ऽप्राप्ते नृभिः सदा यत्र मे हृदयम् दुःखात् शतधा न विदीर्यते
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| दुर्मरम् | दुर्मर | pos=a,g=n,c=1,n=s |
| बत | बत | pos=i |
| वार्ष्णेय | वार्ष्णेय | pos=n,g=m,c=8,n=s |
| काले | काल | pos=n,g=m,c=7,n=s |
| ऽप्राप्ते | अप्राप्त | pos=a,g=m,c=7,n=s |
| नृभिः | नृ | pos=n,g=m,c=3,n=p |
| सदा | सदा | pos=i |
| यत्र | यत्र | pos=i |
| मे | मद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
| हृदयम् | हृदय | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| दुःखात् | दुःख | pos=n,g=n,c=5,n=s |
| शतधा | शतधा | pos=i |
| न | न | pos=i |
| विदीर्यते | विदृ | pos=v,p=3,n=s,l=lat |