महाभारतम् — 14.62.13
Original
Segmented
ते वयम् प्रणिपातेन गिरीशस्य महात्मनः तद् आनयाम भद्रम् ते समभ्यर्च्य कपर्दिनम्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| ते | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=p |
| वयम् | मद् | pos=n,g=,c=1,n=p |
| प्रणिपातेन | प्रणिपात | pos=n,g=m,c=3,n=s |
| गिरीशस्य | गिरीश | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| महात्मनः | महात्मन् | pos=a,g=m,c=6,n=s |
| तद् | तद् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| आनयाम | आनी | pos=v,p=1,n=p,l=lot |
| भद्रम् | भद्र | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| ते | त्वद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
| समभ्यर्च्य | समभ्यर्चय् | pos=vi |
| कपर्दिनम् | कपर्दिन् | pos=n,g=m,c=2,n=s |