महाभारतम् — 14.64.2
Original
Segmented
वैशंपायन उवाच श्रुत्वा तु वचनम् तेषाम् ब्राह्मणानाम् युधिष्ठिरः गिरीशस्य यथान्यायम् उपहारम् उपाहरत्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| वैशंपायन | वैशम्पायन | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
| श्रुत्वा | श्रु | pos=vi |
| तु | तु | pos=i |
| वचनम् | वचन | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| तेषाम् | तद् | pos=n,g=m,c=6,n=p |
| ब्राह्मणानाम् | ब्राह्मण | pos=n,g=m,c=6,n=p |
| युधिष्ठिरः | युधिष्ठिर | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| गिरीशस्य | गिरीश | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| यथान्यायम् | यथान्यायम् | pos=i |
| उपहारम् | उपहार | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| उपाहरत् | उपहृ | pos=v,p=3,n=s,l=lan |