महाभारतम् — 14.64.3
Original
Segmented
आज्येन तर्पयित्वा अग्निम् विधिवत् संस्कृतेन ह मन्त्र-सिद्धम् चरुम् कृत्वा पुरोधाः प्रययौ तदा
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| आज्येन | आज्य | pos=n,g=n,c=3,n=s |
| तर्पयित्वा | तर्पय् | pos=vi |
| अग्निम् | अग्नि | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| विधिवत् | विधिवत् | pos=i |
| संस्कृतेन | संस्कृ | pos=va,g=n,c=3,n=s,f=part |
| ह | ह | pos=i |
| मन्त्र | मन्त्र | pos=n,comp=y |
| सिद्धम् | सिध् | pos=va,g=m,c=2,n=s,f=part |
| चरुम् | चरु | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| कृत्वा | कृ | pos=vi |
| पुरोधाः | पुरोधस् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| प्रययौ | प्रया | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
| तदा | तदा | pos=i |