महाभारतम् — 14.65.1
Original
Segmented
वैशंपायन उवाच एतस्मिन्न् एव काले तु वासुदेवो ऽपि वीर्यवान् उपायाद् वृष्णिभिः सार्धम् पुरम् वारणसाह्वयम्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| वैशंपायन | वैशम्पायन | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
| एतस्मिन्न् | एतद् | pos=n,g=m,c=7,n=s |
| एव | एव | pos=i |
| काले | काल | pos=n,g=m,c=7,n=s |
| तु | तु | pos=i |
| वासुदेवो | वासुदेव | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| ऽपि | अपि | pos=i |
| वीर्यवान् | वीर्यवत् | pos=a,g=m,c=1,n=s |
| उपायाद् | उपाया | pos=v,p=3,n=s,l=lan |
| वृष्णिभिः | वृष्णि | pos=n,g=m,c=3,n=p |
| सार्धम् | सार्धम् | pos=i |
| पुरम् | पुर | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| वारणसाह्वयम् | वारणसाह्वय | pos=n,g=n,c=2,n=s |