महाभारतम् — 14.7.20
Original
Segmented
याज्यमानम् मया हि त्वाम् बृहस्पति-पुरन्दरौ द्विषेताम् समभिक्रुद्धौ एतत् एकम् समर्थय
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| याज्यमानम् | याजय् | pos=va,g=m,c=2,n=s,f=part |
| मया | मद् | pos=n,g=,c=3,n=s |
| हि | हि | pos=i |
| त्वाम् | त्वद् | pos=n,g=,c=2,n=s |
| बृहस्पति | बृहस्पति | pos=n,comp=y |
| पुरन्दरौ | पुरंदर | pos=n,g=m,c=1,n=d |
| द्विषेताम् | द्विष् | pos=v,p=3,n=d,l=vidhilin |
| समभिक्रुद्धौ | समभिक्रुध् | pos=va,g=m,c=1,n=d,f=part |
| एतत् | एतद् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| एकम् | एक | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| समर्थय | समर्थय् | pos=v,p=2,n=s,l=lot |