महाभारतम् — 14.70.21
Original
Segmented
दीक्षयस्व त्वम् आत्मानम् त्वम् नः परमको गुरुः त्वे इष्टे धर्म-ज्ञ विपाप्मा स्याम् अहम् विभो त्वम् हि यज्ञो ऽक्षरः सर्वः त्वम् धर्मः त्वम् प्रजापतिः
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| दीक्षयस्व | दीक्षय् | pos=v,p=2,n=s,l=lot |
| त्वम् | त्वद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
| आत्मानम् | आत्मन् | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| त्वम् | त्वद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
| नः | मद् | pos=n,g=,c=6,n=p |
| परमको | परमक | pos=a,g=m,c=1,n=s |
| गुरुः | गुरु | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| त्वे | त्वद् | pos=n,g=,c=7,n=s |
| इष्टे | यज् | pos=va,g=m,c=7,n=s,f=part |
| धर्म | धर्म | pos=n,comp=y |
| ज्ञ | ज्ञ | pos=a,g=m,c=8,n=s |
| विपाप्मा | विपाप्मन् | pos=a,g=m,c=1,n=s |
| स्याम् | अस् | pos=v,p=1,n=s,l=vidhilin |
| अहम् | मद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
| विभो | विभु | pos=a,g=m,c=8,n=s |
| त्वम् | त्वद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
| हि | हि | pos=i |
| यज्ञो | यज्ञ | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| ऽक्षरः | अक्षर | pos=a,g=m,c=1,n=s |
| सर्वः | सर्व | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| त्वम् | त्वद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
| धर्मः | धर्म | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| त्वम् | त्वद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
| प्रजापतिः | प्रजापति | pos=n,g=m,c=1,n=s |