महाभारतम् — 14.71.4
Original
Segmented
चैत्र्याम् हि पौर्णमास्याम् च तव दीक्षा भविष्यति संभाराः संभ्रियन्ताम् ते यज्ञ-अर्थम् पुरुष-ऋषभ
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| चैत्र्याम् | चैत्री | pos=n,g=f,c=7,n=s |
| हि | हि | pos=i |
| पौर्णमास्याम् | पौर्णमासी | pos=n,g=f,c=7,n=s |
| च | च | pos=i |
| तव | त्वद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
| दीक्षा | दीक्षा | pos=n,g=f,c=1,n=s |
| भविष्यति | भू | pos=v,p=3,n=s,l=lrt |
| संभाराः | सम्भार | pos=n,g=m,c=1,n=p |
| संभ्रियन्ताम् | सम्भृ | pos=v,p=3,n=p,l=lot |
| ते | त्वद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
| यज्ञ | यज्ञ | pos=n,comp=y |
| अर्थम् | अर्थ | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| पुरुष | पुरुष | pos=n,comp=y |
| ऋषभ | ऋषभ | pos=n,g=m,c=8,n=s |