महाभारतम् — 14.77.23
Original
Segmented
शान्ति-अर्थम् सर्व-योधानाम् अभ्यगच्छत पाण्डवम् सा धनंजयम् आसाद्य मुमोच आर्त-स्वरम् तदा धनंजयो ऽपि ताम् दृष्ट्वा धनुः विससृजे प्रभुः
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| शान्ति | शान्ति | pos=n,comp=y |
| अर्थम् | अर्थ | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| सर्व | सर्व | pos=n,comp=y |
| योधानाम् | योध | pos=n,g=m,c=6,n=p |
| अभ्यगच्छत | अभिगम् | pos=v,p=3,n=s,l=lan |
| पाण्डवम् | पाण्डव | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| सा | तद् | pos=n,g=f,c=1,n=s |
| धनंजयम् | धनंजय | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| आसाद्य | आसादय् | pos=vi |
| मुमोच | मुच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
| आर्त | आर्त | pos=a,comp=y |
| स्वरम् | स्वर | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| तदा | तदा | pos=i |
| धनंजयो | धनंजय | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| ऽपि | अपि | pos=i |
| ताम् | तद् | pos=n,g=f,c=2,n=s |
| दृष्ट्वा | दृश् | pos=vi |
| धनुः | धनुस् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| विससृजे | विसृज् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
| प्रभुः | प्रभु | pos=a,g=m,c=1,n=s |