महाभारतम् — 14.86.19
Original
Segmented
तेषाम् निविशताम् तेषु शिबिरेषु सहस्रशः नर्दतः सागरस्य इव शब्दो दिवम् इव अस्पृशत्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| तेषाम् | तद् | pos=n,g=m,c=6,n=p |
| निविशताम् | निविश् | pos=va,g=m,c=6,n=p,f=part |
| तेषु | तद् | pos=n,g=n,c=7,n=p |
| शिबिरेषु | शिबिर | pos=n,g=n,c=7,n=p |
| सहस्रशः | सहस्रशस् | pos=i |
| नर्दतः | नर्द् | pos=va,g=m,c=6,n=s,f=part |
| सागरस्य | सागर | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| इव | इव | pos=i |
| शब्दो | शब्द | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| दिवम् | दिव् | pos=n,g=,c=2,n=s |
| इव | इव | pos=i |
| अस्पृशत् | स्पृश् | pos=v,p=3,n=s,l=lan |