महाभारतम् — 14.9.26
Original
Segmented
यदि आगच्छेः पुनः एवम् कथंचिद् बृहस्पतिम् परिदातुम् मरुत्ते दहेयम् त्वाम् चक्षुषा दारुणेन संक्रुद्ध इति एतत् अवैहि शक्र
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| यदि | यदि | pos=i |
| आगच्छेः | आगम् | pos=v,p=2,n=s,l=vidhilin |
| पुनः | पुनर् | pos=i |
| एवम् | एवम् | pos=i |
| कथंचिद् | कथंचिद् | pos=i |
| बृहस्पतिम् | बृहस्पति | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| परिदातुम् | परिदा | pos=vi |
| मरुत्ते | मरुत्त | pos=n,g=m,c=7,n=s |
| दहेयम् | दह् | pos=v,p=1,n=s,l=vidhilin |
| त्वाम् | त्वद् | pos=n,g=,c=2,n=s |
| चक्षुषा | चक्षुस् | pos=n,g=n,c=3,n=s |
| दारुणेन | दारुण | pos=a,g=n,c=3,n=s |
| संक्रुद्ध | संक्रुध् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
| इति | इति | pos=i |
| एतत् | एतद् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| अवैहि | अवे | pos=v,p=2,n=s,l=lot |
| शक्र | शक्र | pos=n,g=m,c=8,n=s |